हिंदू धर्म में प्रत्येक त्योहार के पीछे कोई न कोई तार्किक आधार मौजूद होता है। चाहे वह रोशनी का त्योहार दिवाली हो या रंगो का त्योहार होली। इसी तरह अक्षय तृतीया के साथ भी बड़ा महत्व जुड़ा है। इस दिन निवेश करना या सोने जैसी कीमती धातु की खरीदारी बहुत अच्छी मानी जाती है। इस मौके पर ज्वैलर्स और बहुत से अन्य प्रतिष्ठïान भी बिक्री बढ़ाने के लिए आकर्षक पेशकश देते हैं।
मंदी के दौर में जहां निवेश से लोग कुछ दूरी बनाए हुए हैं, वहीं सोना ऐसे समय में भी निवेश के एक अच्छे विकल्प के तौर पर उभर रहा है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, त्योहार के दौरान सोने की मांग आम दिनों के मुकाबले 80 फीसदी तक बढ़ जाती है। सोने में प्रत्येक वर्ष लगभग 20 फीसदी का रिटर्न मिलता है, जो पिछले 10 वर्ष से बरकरार है।
सोने की बिक्री
सोने के दाम बढऩे के बाद भी अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है। ज्वैलर्स के मुताबिक अक्षय तृतीया पर सोने की बिक्री पिछले साल से भी अच्छी रही है। अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है और इस मौके पर हमेशा सोने की मांग बढ़ी है। पीसी ज्वैलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर बलराम गर्ग ने बताया, 'पिछले साल की तुलना में इस साल अक्षय तृतीया से पहले सोने की बिक्री ज्यादा हुई है। इस साल सोने की ज्वैलरी और सिक्कों की मांग में 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अक्षय तृतीया तक यह मांग 50 फीसदी पहुंच सकती है।Ó चांदनी चौक के ज्वैलर रतनचंद ज्वालानाथ के मालिक तरुण ने कहा, 'मार्च में बिक्री बिल्कुल नहीं थी लेकिन अब लोग सोना खरीद रहे हैं।Ó उन्होंने कहा कि दाम बढऩे के कारण ग्राहक हल्के वजन के सिक्के और ज्वैलरी खरीद रहे हैं।
अक्षय तृतीया क्षय नहीं होने वाले सौभाग्य के बने रहने का पर्व है। आज हर पर्व को हाई-फाई बना दिया गया है। इसका पूरा श्रेय नए मार्केटिंग गुरुओं को जाता है। राजौरी गार्डन के गौतम ज्वैलर्स के केवल कृष्ण ग्रोवर कहते हैं, 'अक्षय तृतीया का पौराणिक महत्व है। लोग इस दिन सौभाग्यवर्धक वस्तुएं खरीदते हैं।Ó वह कहते हैं कि दरअसल व्यावहारिक रूप से धातु का मनुष्य के शरीर से संबंध होता है। प्रकृति में जितने भी बदलाव होते हैं, उससे मनुष्य का शरीर प्रभावित होता है। सोना सूर्य एवं चंद्रमा दोनों का धातु है। इसके अलावा नक्षत्रों का प्रभाव मानव के हृदय एवं मस्तिष्क पर पड़ता है। कहते हैं कि इस दिन दान देने और कीमती धातु खरीदने का विशेष महत्व है।
गीतांजलि ग्रुप ने अक्षय तृतीया पर 400 किलोग्राम सोने के सिक्के बेचने का लक्ष्य रखा है। माया, जिली, नक्षत्र जैसे ब्रांड के मालिक और गीतांजलि समूह के अध्यक्ष मेहुल चोकसी ने ईटी को बताया, 'अभी तक गु्रप 200 किलो सोना बेच चुका है और हम उम्मीद करते हैं कि अक्षय तृतीया तक हम अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे।Ó उन्होंने कहा कि सोने के सिक्कों की खरीद इस साल 40 फीसदी तक बढ़ी है। चोकसी ने कहा कि आगामी दिनों में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बावजूद भी मांग में तेजी रहेगी।
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के अध्यक्ष दिनेश जैन ने कहा, 'इस बार मार्केट अच्छा रहा है और पिछले साल धनतेरस से अच्छी बिक्री अक्षय तृतीया पर हुई है। पीक से 12 फीसदी कम दाम पर सोना खरीदने के लिए ग्राहक अच्छा भाव मान रहे हैं।Ó लेकिन कुछ के मुताबिक दाम बढऩे से सोने की बिक्री अच्छी नहीं रही। बॉम्बे सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने कहा, 'बीते चार दिनों में सोने की मांग में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। यदि दाम गिरे तो ही मांग बढ़ेगी।Ó लेकिन हुंडिया ने कहा कि अप्रैल में 15 टन सोने का आयात हो चुका है।
इस साल अक्षय तृतीया पर ज्वैलरों ने हल्के वजन में सोने के सिक्के और ज्वैलरी बनाई जिसका फायदा भी बिक्री में नजर आया। बड़े ब्रांड और ज्वैलर्स ने दो ग्राम से 10 ग्राम तक के सोने के सिक्के बनाए। पहले 20-25 ग्राम के गहने बनाए जाते थे लेकिन इस बार उनका वजन 10-15 ग्राम रखा गया। इसके अलावा आभूषण निर्माता कंपनी तनिष्क ने दुनिया की सबसे छोटी भगवदगीता लॉकेट रूप में पेश की है।
त्रेता युग का पहला दिन था अक्षय तृतीया
वैदिक कैलेंडर के अनुसार अक्षय तृतीया वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि पर आती है। ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग की शुरुआत इसी तिथि पर हुई थी।
अक्षय का अर्थ संस्कृत में कभी न मिटने वाला होता है। वेदों के अनुसार वेद व्यास ने इसी दिन भगवान गणेश के साथ मिलकर महाभारत की रचना शुरू की थी। इसे भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम की जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है। इस दिन आमतौर व्रत रखना और गंगा नदी में डुबकी लगाना काफी अच्छा माना जाता है।
वेदों के अनुसार इस दिन ज्ञान हासिल करना या दान देना फलदायक होता है। नया कारोबार शुरू करने के लिए भी यह दिन काफी शुभ माना गया है। बहुत से लोग अक्षय तृतीया पर सोना और प्रॉपर्टी खरीदते हैं।
इस दिन महालक्ष्मी की पूजा होती है। मान्यता है कि महालक्ष्मी के मंदिर में जाकर प्रत्येक दिशा में चार सिक्के फेंकने से धन आने के रास्ते खुल जाते हैं। कुछ लोग इस दिन शिव की पूजा करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन शिव को दूध की जगह नीम के पत्ते चढ़ाए जाते हैं। कई जगह इस दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
कुछ समुदायों में अक्षय तृतीया पर परिवार का एक व्यक्ति अपनी जमीन पर जाकर पूजा के तौर पर खुदाई करता है।
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया विवाह के मुहूर्त के लिए भी बहुत शुभ दिन माना जाता है।
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