बाजारों में लंबे समय तक मंदी का दौर रहने के बाद अब तेजी की कुछ आशा दिखाई दे रही है। सेंसेक्स जहां 11,000 अंकों को छूने की ओर बढ़ रहा है, वहीं निफ्टी भी 3,300 अंक के पार हो चुका है। कुछ जानकारों का मानना है कि मौजूदा रैली अभी कुछ समय तक जारी रह सकती है। दूसरी ओर कुछ एनालिस्ट कह रहे हैं कि यह तेजी वैश्विक बाजारों में आर्थिक हालात सुधरने के शुरुआती डेटा पर आधारित है और निवेशकों को बाजार की दिशा जानने के लिए स्पष्टï आंकड़ों और अन्य घटनाओं की प्रतीक्षा करनी चाहिए। सोमवार १३ अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह के बाद अगले कुछ सप्ताह में निवेशक को इन पर नजर रखनी चाहिए
वैश्विक मुद्दे
विकसित देशों में आर्थिक विकास
अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे विकसित देशों में आर्थिक विकास के आंकड़े काफी महत्वपूर्ण रहेंगे। पिछली कुछ तिमाहियों में बहुत सी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में नकारात्मक आर्थिक विकास दर्ज हुआ है। अंतिम तिमाही (2009 की पहली तिमाही) के नतीजों का वैश्विक बाजारों पर बड़ा असर पड़ेगा। घरेलू बाजार भी इनसे प्रभावित हो सकते हैं।
एफआईआई निवेश
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पिछले कुछ वर्षों से भारतीय बाजारों में बड़े निवेशकों के तौर पर उभरे हैं। कुछ समय पहले तक घरेलू अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही थी और इसी वजह से एफआईआई यहां निवेश को तरजीह दे रहे थे। लेकिन पिछले वर्ष हालात बदल गए थे और वैश्विक आर्थिक मंदी का असर पूरे विश्व पर पडऩे के बाद से एफआईआई उभरते हुए बाजारों में बिकवाली करने में जुटे थे। अब फिर से ये निवेशक भारत जैसे बाजारों में रुचि लेने लगे हैं और यहां अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। बाजार में तेजी आने का एक कारण एफआईआई का निवेश भी है। निवेशकों को बाजारों में एफआईआई की चाल पर भी नजर रखनी चाहिए।
कॉरपोरेट नतीजे
पिछली तिमाही में हाउसिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में मंदी का बड़ा असर अन्य सेक्टरों पर भी पड़ा था। निवेशकों को बड़ी बहुराष्टरीय कंपनियों ( रीटेल, ऑटो और इंश्योरेंस सेक्टर) के पहली तिमाही के नतीजों को देखना होगा। इनसे वैश्विक बाजारों की चाल भी जुड़ी होती है।
अमेरिकी उपभोक्ता आंकड़े
मौजूदा मंदी की शुरुआत अमेरिका के हाउसिंग सेक्टर से हुई थी। अमेरिकी सरकार ने घर खरीदने वालों के लिए बहुत से राहत पैकेजों पर रियायतों की घोषणा की है। नए घरों की मासिक और तिमाही बिक्री के आंकड़े देखना काफी दिलचस्प रहेगा। सरकार द्वारा कर राहत दिए जाने के बाद उपभोक्ता खर्च भी बढऩे की उम्मीद है। अगले कुछ महीनों में अमेरिका के उपभोक्ता आंकड़े काफी महत्वपूर्ण रहेंगे। याद रखें कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति विश्व भर को प्रभावित कर सकती है।
घरेलू मुद्दे
नतीजे और वार्षिक गाइडेंस
वित्त वर्ष 2008-09 के वार्षिक कॉरपोरेट नतीजों का सीजन आ गया है। इस वर्ष के सालाना नतीजे कई कंपनियों के लिए खराब रह सकते हैं। पिछली तिमाही के नतीजे कुछ खास नहीं रहे थे। वार्षिक नतीजों और अगले वर्ष की कारोबारी योजनाओं को लेकर प्रबंधन संकेत देंगे। निवेशकों के लिए ये महत्वपूर्ण होंगे। खासकर उन कंपनियों के नतीजे जिनमें उन्होंने निवेश किया है।
आम चुनाव
देश में आम चुनाव की हलचल है। चुनाव के लिए मतदान 16 अप्रैल से लेकर 7 मई तक चलेगा। इसके कुछ दिनों बाद ही अगले पांच वर्षों के लिए देश पर शासन करने वाली सरकार सामने आ जाएगी। शेयर बाजार भी चुनावी नतीजों के इंतजार में है। देश इस समय कठिन आर्थिक दौर से गुजर रहा है। सकल घरेलू उत्पाद जैसे आर्थिक विकास के बड़े संकेतों को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। ऐसे में नई सरकार देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए किस तरह की नीतियां और उपाय पेश करती है। इसका बाजार पर काफी असर पड़ेगा। निवेशकों के लिए भी ये चुनाव काफी महत्व रखते हैं।
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