मार्च के अंत में ब्रोकिंग कंपनियों को अप्रैल में कारोबार में बढ़ोतरी की उम्मीद थी। हालांकि, 2008-09 में कारोबार में भारी कमी देख चुके ब्रोकरों के मन में कई तरह की आशंकाएं भी थीं। लेकिन आखिरकार ब्रोकर कंपनियों की उम्मीद पूरी हो गई है। अप्रैल में कारोबार बढऩे से ब्रोकर कंपनियों में खुशी है। मार्च के मुकाबले दैनिक औसत कारोबार बढ़कर दोगुना हो गया है। हालांकि, अप्रैल में कई त्योहारों के कारण शेयर बाजार में अवकाश है।
बाजार से जुड़े अधिकतर निवेशक हाल में बाजार के रुख में आए सकारात्मक बदलाव को संदेह के नजरिए से देख रहे थे। उनका मानना था कि यह मंदी के बाजार की तेजी है। उनका मानना था कि यह तेजी जारी नहीं रहेगी। 9 मार्च को बाजार में तेजी के रुख की शुरुआत हुई थी। यह तेजी अभी तक जारी है। हालांकि, अप्रैल में त्योहारी अवकाश के चलते कई दिन बाजार बंद रहा है। इस महीने कुल पांच त्योहारी अवकाश के चलते बाजार में कारोबार नहीं हुआ है। इसके अलावा 30 अप्रैल को मुंबई में चुनाव है, जिसके चलते शेयर बाजार बंद रहेंगे। अप्रैल में शेयर बाजार में सिर्फ 17 दिन कारोबार होंगे। औसतन हर महीने शेयर बाजारों में 22-23 दिन कारोबार होता है। पांच कारोबारी सत्र के नुकसान का मतलब ट्रेडिंग समय में 25 फीसदी की कमी है। इन छुट्टियों के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ गया है।
मार्च के मुकाबले अप्रैल में शेयर बाजार के कारोबार में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मार्च के पहले 15 दिनों में एनएसई में दैनिक औसत कारोबार 7,500-8,000 करोड़ रुपए था। इसके मुकाबले अप्रैल के पहले 14 दिनों में दैनिक औसत कारोबार बढ़कर करीब 15,000 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। गौरतलब यह है कि इन दिनों में सिर्फ छह दिन कारोबार हुआ है। फ्यूचर्स और ऑप्शंस में भी यही हाल रहा है। मार्च के पहले 15 दिनों में एफएंडओ में औसत दैनिक कारोबार 40,000 करोड़ रुपए था। इसके मुकाबले अप्रैल में एफएंडओ में दैनिक औसत कारोबार 40 फीसदी बढ़कर 55,000 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। इक्विटी और डेरिवेटिव कारोबार के अनुपात में भी सुधार देखा गया है। पहले यह अनुपात 1:4 जो अब 1:3 हो गया है। यह बाजार के लिए अच्छा संकेत है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक असीम ध्रुव ने कहा, 'लंबे अरसे के बाद बाजार में आई मजबूती में छोटे निवेशकों के साथ बड़े निवेशकों ने हिस्सा लिया है। उधर, मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के सीएमडी मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि शेयर बाजार में कम अवकाश निवेशकों और ब्रोकरों, दोनों के लिए अच्छा होता है।
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