Monday, April 27, 2009

आ गए हैं कंपनियों के सालाना रिजल्ट

कारोबारी साल 2009 में नतीजों का सीजन आ गया है। आम तौर पर नतीजों का यह मौसम शेयर बाजार का ध्यान आकर्षित करता ही है लेकिन इस बार बात कुछ खास है। मौजूदा हालात कुछ इस तरह के हैं कि कंपनियों के सालाना नतीजे बाजार को दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे। कुछ ऐसे कारण हैं जो इस रिजल्ट सीजन को विशेष बनाने का दमखम रखते हैं।

बाजार के मुश्किल हालात
कारोबारी स्थिति के नजरिए से देखें तो पिछला साल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों तरह की कंपनियों के लिए काफी मुश्किल रहा। वैश्विक बाजारों में खराब आर्थिक स्थिति की वजह से निर्यात घटा। वित्तीय संस्थान हों या शेयर बाजार, दोनों के जरिए कंपनियों के लिए फंड जुटाना कठित से कठिन होता गया। इसके अलावा ग्राहकों की घटती तादाद ने कारोबार को और झटका दिया। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण है कि कंपनियों ने कैसा प्रदर्शन किया तथा घरेलू एवं वैश्विक मोर्चे पर प्रतिस्पर्धा को लेकर किस तरह प्रतिक्रिया दी। मुश्किल हालात सही और गलत में अंतर करना सिखा देते हैं और जोखिम भरे कारोबारी मॉडल के जरिए परिपक्व रणनीति को आंकने का मौका देते हैं।

सकारात्मक नजरिया
बाजार में आम भावना कुछ इस तरह की बन रही है कि आर्थिक मंदी का बॉटम पीछे छूट चुका है। नतीजों का सीजन इम्तहान की तरह होगा। निवेशक जानकारों और कंपनियों के प्रबंधन के विश्वास का स्तर आंकने के अलावा कारोबारी हालात को लेकर उनका नजरिया समझ सकेंगे तथा इस स्थिति से निपटने की उनकी रणनीति से रूबरू हो सकेंगे। बीते एक महीने में वैश्विक स्तर पर बाजार काफी चढ़े हैं। बाजार में माहौल काफी उत्साहजनक है और निवेशकों का रुख भी काफी हद तक सकारात्मक दिख रहा है। नतीजों के सीजन का सकारात्मक निष्कर्ष लंबे वक्त तक कायम रहने वाली रैली की नींव रखेगा और बाजार को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर ब्लूचिप कंपनियां ठीक-ठाक आंकड़ों के साथ भविष्य के लिए सकारात्मक नजरिया दर्ज कराती हैं तो शेयर बाजार में जान फूंकने के लिए यह काफी साबित होगा। दूसरी तरफ, नकारात्मक नतीजे बाजार को ढहा भी सकते हैं।

निवेशकों को शेयरों का चुनाव वक्त किन चीजों का ख्याल रखना चाहिए

कंपनी की बढ़त की क्षमता
कंपनी की वैल्यूएशन, भविष्य में उसकी आमदनी जुटाने की क्षमता और बढ़त की संभावनाओं पर निर्भर करती है। इस लिहाज से तिमाही और सालाना नतीजे निवेशकों को यह आकलन करने में मदद देने के हिसाब से काफी अहम होते हैं कि क्या कंपनी उन उम्मीदों को पूरा करने की राह पर आगे बढ़ रही है। आने वाले वक्त में मुनाफा बटोरने की क्षमता बढऩे का सुखद अनुमान वैल्यूएशन बढ़ाने का काम करता है जबकि अगर अनुमान में कमी आती है तो शेयर के लिए यह काफी बुरी स्थिति होगी।

विश्लेषण
आम तौर पर मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं होती। विश्लेषक इन शेयरों पर निगाह नहीं रखते और इसलिए निवेशकों के लिए इन कंपनियों पर जानकारी जुटाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन कंपनियों के नतीजे निवेशकों को मझोली और छोटी कंपनियों की आमदनी जुटाने की क्षमता जांचने का मौका देते हैं। नतीजे घोषित वक्त करते कंपनी जो ब्योरा मुहैया कराती है, उसे समझना छोटे निवेशकों के लिए आसान नहीं होता। हालांकि, निवेशकों को उन कंपनियों के नतीजों पर निगाह रखनी चाहिए जिनमें उनकी दिलचस्पी हो। इस तरह बारीक जानकारी तक पहुंचना आसान होता है जो आम तौर पर उपलब्ध नहीं होती।

1 comment:

  1. गहरी आर्थिक समझ है आपमें, इसी बहाने काफी सारी जानकारियां भी मिलीं। आभार।
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    TSALIIM.
    -SBA-

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