अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संकट के इस दौर में भले ही लज्जरी वस्तुओं की खपत में कमी आई हो और महंगी कारें बिकने की रफ्तार थमी हो, लेकिन पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की खपत में कम से कम हमारे देश में कोई कमी नहीं आई है। कुछ हद तक हम पेट्रोलियम उत्पादों को आज के समय के हिसाब से आवश्यक आवश्यकताओं की श्रेणी में रख सकते हैं। पिछले कुछ दशक में तकनीक के विकास के साथ ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री में भी रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। तेल एवं गैस उद्योग एक विशिष्ट फील्ड है, जिसमें खासतौर से प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत पड़ती है। इनमें इंजीनियर्स की मांग तो हमेशा बनी ही रहती है, अन्य क्षेत्रों के कुशल प्रतिभाओंं के लिए भी भरपूर मौके होते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए पेट्रोलियम तकनीक से जुड़े पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण साबित होते हैं। हाल ही में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री ले चुके रहीम खान को कोर्स पूरा होने से पहले ही एक बहुराष्ट्रीय तेल कंपनी में नौकरी मिल गई। हाल में ही विदेश से लौटे खान का कहना है, 'इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यहां पेशेवर योज्यता रखनेवाले आवेदकों की मांग काफी ज्यादा है। कई अन्य क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र पर मंदी का बहुत अधिक असर नहीं हुआ है। यह क्षेत्र लगातार फैल रहा है, जिससे पेशेवरों की मांग और बढऩे की उम्मीद है। तकनीक का विकास इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, इसलिए युवाओं को इस क्षेत्र की उन्नत तकनीकों को जानना-समझना चाहिए। पेट्रोलियम कंपनियां आकर्षक सैलरी पैकेज देती हैं। इस सेक्टर में काम करते हुए जॉब संतुष्टि भी भरपूर मिलती है।
इस क्षेत्र में जॉब के काफी अवसर हैं। यहां पेशेवरों की मांग हमेशा बनी रहती है। विशिष्ट क्षेत्र होने और कुशल प्रतिभाओं की मांग के मुकाबले उपलब्धता कम होने से इस सेक्टर में वेतन का स्तर भी काफी आकर्षक है।
पेट्रोलियम तकनीक में मास्टर डिग्री के लिए भूगर्भ विज्ञान, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, केमिकल, मैकेनिकल, पॉलिमर साइंस आदि में स्नातक डिग्री होनी चाहिए। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद स्नातक के लिए माइनिंग, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल आदि से संबंधित पाठ्यक्रम के लिए दाखिला लिया जा सकता है। पेट्रोलियम सेक्टर की पढ़ाई के दौरान यह सिखाया जाता है कि किस तरह गणित, भूगर्भ विज्ञान और भौतिक विज्ञान के नियम, सूत्र और सिद्घांतों का प्रयोग ईंधन की खोज, विकास और उत्पादन में किया जा सकता है? पेट्रोलियम से जुड़े कोर्स में एडमिशन आमतौर पर लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर होते हैं।
पेट्रोलियम सेक्टर में फ्रेशर्स की सैलरी की बात करें, तो यह चुने गए फील्ड पर अधिक निर्भर करता है। मोटे तौर पर कह सकते हैं कि प्रशिक्षित युवा शुरुआत में साढ़े तीन से चार लाख रुपये तक का पैकेज हासिल कर सकता है। एक निजी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी में सीनियर मैनेजर (जियॉलजी) आकाश आनंद कहते हैं, 'पेट्रोलियम सेक्टर में आकर्षक सैलरी के अलावा अनुभवी व्यक्तियों को दुनियाभर में काम करने का मौका भी मिलता है। इस क्षेत्र की सरकारी कंपनियों में छह से सात लाख सालाना और निजी क्षेत्र में इससे भी ज्यादा सैलरी पैकेज मिलता है।Ó एक ऑयल कंपनी में लैब तकनीक के क्षेत्र में काम कर रहीं प्रभा जगमोहन कहती हैं, 'यह सच है कि इस सेक्टर में आकर्षक सैलरी दी जाती हैं, लेकिन काम की चुनौतियां और आपसे उम्मीदें भी कम नहीं होतीं।Ó इससे संबंधित कोर्स कराने वाले कुछ प्रमुख संस्थान
महाराष्ट्र इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, पुणे नोव्रोस्जी वाडिया कॉलेज, पुणे एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर गुरु घासीदास यूनिवसिर्टी गर्वनमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, बिलासपुर बीएचयू इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, वाराणसी रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, राउरकेला
Saturday, October 10, 2009
करियर इन पेट्रो टेक्नोलॉजी
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