कैरियर के लिहाज से पायलट बनने का ख्याल आपको कितना रोमांचित करता है। हवा में उड़ते हुए छोटे-छोटे विमानों की तरह अगर आपका भी मन खुली हवा में पर फैलाने के लिए फड़क रहा हो तो कैरियर के रूप में इसे अपनाकर आप इस रोमांच का जिंदगी भर अनुभव कर सकते हैं। स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (एसपीएल), प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल) और फिर कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) हासिल करने के बाद आप किसी भी विमानन कंपनी में पायलट के जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एयरलाइंस कंपनियों में बढ़ती प्रतियोगिता के मद्देनजर इन दिनों पायलटों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। अगर घरेलू विमानन कंपनियों की बात करें तो बजट एयरलाइंस के पायलट जहां किंगफिशर, जेट और एयर इंडिया में छलांग लगाते रहते हैं, वहीं प्रतिमाह उनका वेतन दो लाख रुपए से शुरू होता है। एयरलाइंस कंपनियों में पायलट बनने के लिए एसपीएल के बाद सीपीएल लाइसेंस की जरूरत होती है, वहीं एसपीएल के बाद पीपीएल लाइसेंस लेकर आप निजी विमानों के लिए सेवाएं दे सकते हैं। वाणिज्यिक विमानों में पायलट की नौकरी के लिए सीपीएल जरूरी है।
एसपीएल लाइसेंस लेने के लिए न्यूनतम 16 वर्ष, पीपीएल के लिए 17 वर्ष और सीपीएल के लिए 18 साल जरूरी है। सफलतापूर्वक विमान उड़ाने की कुशलता पाने के लिए लाइसेंस से संबंधित प्रक्रियाओं में स्वास्थ्य बेहतर होना और दृष्टिï में कोई दोष नहीं होना बहुत जरूरी है। एसपीएल जहां दसवीं पास करने के बाद पाया जा सकता है, वहीं पीपीएल एवं सीपीएल के लिए बारहवीं क्लास की परीक्षा गणित एवं भौतिकी विषयों के साथ पास करना जरूरी है।
भारत में विभिन्न फ्लाइंग अकादमी के हिसाब से इसकी फीस 10 से 18 लाख रुपए के बीच हो सकती है। जबकि विदेश में यह 18-25 लाख रुपए तक है। भारत में यह कोर्स करीब दो साल का है, जबकि विदेश में विभिन्न देशों के अनुसार यह छह महीने से 12 महीने का कोर्स है।
एसपीएल के लिए आपको एक लिखित परीक्षा पास करना जरूरी है जिसमें एयर रेगुलेशन, एविएशन मेट्रोलॉजी, एयर नेविगेशन और एयर टेक्निकल विषय से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। नागरिक उड्डïयन महानिदेशालय द्वारा चिह्निïत डॉक्टर से आपको फिटनेस सर्टिफिकेट भी जमा कराना पड़ता है। इसके बाद ही आप एसपीएल के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एसपीएल पाने के बाद आप प्लाइंग लेसन के लिए पीपीएल की दहलीज तक पहुंचते हैं। इस दौरान आप उड्डïयन की बरीकियों को समझते हैं और आपका इंस्ट्रक्टर आपको आसमान में उड़ान की बारीकियां समझाता है। इंस्ट्रक्टर के साथ 15 घंटे की उड़ान के बाद आप अकेले उड़ान भर सकते हैं। पीपीएल पाने के लिए आपको कम से कम 60 घंटे उड़ान भरना जरूरी है, जिसमें कम से कम 20 घंटे अकेले और पांच घंटे की क्रॉस बॉर्डर उड़ान जरूरी है।
इसके बाद की प्रक्रिया सीपीएल के लिए है। सीपीएल हासिल करने के लिए आपकी उम्र 18 से 30 साल के बीच होना जरूरी है। इस लाइसेंस के लिए आपके पास कम से कम 250 घंटे उड़ान का अनुभव होना जरूरी है। इनमें 150 घंटे अकेले और 25 घंटे का क्रॉस बॉर्डर उड़ान का अनुभव जरूरी है।
पायलट बनने की प्रक्रिया में सफल होने के लिए जहां शारीरिक फिटनेस बहुत जरूरी है, वहीं यह काफी महंगा भी है जिसके लिए तमाम बैंक लोन भी उपलब्ध कराते हैं। हर घंटे की उड़ान के लिए करीब 3,500 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
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