Wednesday, April 22, 2009

जानकारी को बनाएं ताकत जिससे शेयर बाज़ार की चल समझ में आए


बेंजामिन फ्रैंकलिन का कहना था, 'जानकारी के साथ किया गया निवेश हमेशा अच्छा फायदा देता है।Ó यह बात वर्षों पहले कही गई थी लेकिन आज भी पूरी तरह सही बैठती है। बहुत से ऐसे छोटे निवेशक आपको मिल जाएंगे जो बिना पुख्ता जानकारी के निवेश के फैसले लेते हैं। जानकारी के अभाव में वे सट्टेबाजों की तरह काम करने लगते हैं और अफवाहों या पुरानी जानकारी के आधार पर निवेश करते हैं।
छोटे निवेशक अर्थव्यवस्था के बारे में उपलब्ध आंकड़ों और मीडिया में प्रकाशित कुछ विश्लेषण को ही जानकारी मान लेते हैं। इसके अलावा अपने भरोसेमंद सूत्रों से मिली सलाह का इस्तेमाल भी वे निवेश के फैसलों के लिए करते हैं। वे कंपनी से जुड़े बहुत से मानकों को भुला देते हैं। इनमें निरंतर लाभ कमाना, उत्पादन का स्तर, भविष्य की योजनाएं, रिजर्व, मौजूदा बिक्री, पीई रेशियो और डिविडेंड रेशियो शामिल होते हैं। यह जानकारी भी आसानी से उपलब्ध होती है लेकिन छोटे निवेशक इससे भ्रमित हो जाते हैं और ऐसी सलाह पर चलने लगते हैं जिसे बेकार की सलाह कहा जाता है।
भारतीय निवेशकों के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे मुफ्त की सलाह के आदी होते हैं और इनकी वजह से अक्सर नुकसान उठाते हैं। निवेशकों को ऐसी सलाह से बचना चाहिए। बाजार की जानकारी रखने वाले प्रोफेशनल के टिप्स पर ही निवेश करना बेहतर रहता है। अगर इसके लिए आपको कुछ फीस भी चुकानी पड़े तो भी यह खराब सौदा नहीं होगा क्योंकि अंत में फायदा आपका ही होना है।
छोटे निवेशकों के साथ एक और बड़ा मुद्दा भेड़चाल की मानसिकता होती है। वे अपने विश्वास के भरोसे नहीं बल्कि दूसरों को देखकर निवेश करना पसंद करते हैं। मंदी के दौर में वे बाजार से दूरी बना लेते हैं और तेजी जब अपने चरम पर होती है तो इसमें कूद पड़ते हैं। इससे वे कम दाम पर शेयर खरीदने का मौका गंवा देते हैं और जब अन्य लोग मुनाफा वसूली के लिए बिकवाली करते हैं तो उनके पास शेयरों को रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। मुनाफा कमाने के लिए हमें शेयर बाजार में विपरीत निवेश का तरीका अपनाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर इस समय बाजार में बहुत से ऐसे शेयर हैं जिनका भविष्य काफी अच्छा है। ये शेयर उन्हीं निवेशकों के लिए हैं जो कोयले के दाम पर उपलब्ध इन हीरों की पहचान कर सके।
भारतीय निवेशक बाजार की शक्तियों पर निर्भर होते हैं। वे उस समय डूबने लगते हैं जब धारा उनके विपरीत बहती है और उस समय तैरने का प्रयास करते हैं जब लहर में बहकर हीरे किनारे पर आते हैं। भविष्य में तेजी के दौर का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को पहले से ही तैयार रहना होगा। यह बदलाव तभी होगा जब आज के निवेशक विभिन्न जरियों से आने वाली जानकारी की समीक्षा कर उसका सही इस्तेमाल करेंगे। अगली बार बाजार में मुनाफे की बयार बहने तक देश के अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के लाखों ऐसे निवेशक बाजार में मौजूद होंगे जिनके पास निवेश के लिए रकम मौजूद है लेकिन वे अभी तक बाजार से अनजान हैं। अगर जानकारी के आधार पर निवेश किया जाएगा तो तेजी का दौर ज्यादा मजबूत और लंबा होगा।
निवेशकों को जागरूक करने में वित्तीय संस्थानों, नियामक और मीडिया को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। मौजूदा दौर में निवेशकों की कम जानकारी का लाभ उठाकर एजेंट उन्हें ऐसे प्रोडक्ट बेचने में सफल रहते हैं जो उनकी जरूरतों को पूरा नहीं करता। मेरे हिसाब से यह ऐसी स्थिति है जिसमें निवेशक उस मरीज के समान है जिसे इलाज की जानकारी नहीं है और वित्तीय सलाहकार डॉक्टर के रूप में सही जानकारी देने के बजाए एक केमिस्ट की भूमिका निभा रहा है।
निवेशकों के लिए एक बड़ी सलाह यह है कि वे शेयरों के साथ भावनात्मक लगाव न रखें। ऐसे शेयरों से दूर रहें जिनमें काफी उतार-चढ़ाव होता है। अपने लंबी अवधि के लक्ष्यों के अनुसार रणनीति में बदलाव करें। शुरुआत में निवेशकों को बाजार में निवेश के सही समय का आभास नहीं होता लेकिन वे अपनी जानकारी और बुद्धि के अनुसार बाजार से निकलने का समय तय कर सकते हैं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि उसी रकम का निवेश करें जिसे लेकर आप जोखिम उठा सकते हैं।

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