Saturday, April 11, 2009

बैंकों के मुनाफे पर चोट कर सकता है कर्ज़ में कमी

मार्च 2009 तिमाही में छह बड़े बैंकों के मुनाफे में महज 15 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान

कर्ज वृद्धि की सुस्त रफ्तार और नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) में कमी के चलते 2008-09 की अंतिम तिमाही में बैंकों के मुनाफे में कमी आने का अनुमान है। देश के छह बड़े बैंकों के मुनाफे में वर्ष दर वर्ष आधार पर 14.6 फीसदी की औसत वृद्धि होने का अनुमान है। दिसंबर 2008 में खत्म तिमाही में बैंकों के मुनाफे में औसतन 50.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। आर्थिक संकट के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र दिसंबर 2008 तिमाही तक अच्छी बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा था।
बैंकों की कमाई में कमी से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार घटने की एक बार फिर पुष्टि हो जाएगी। बैंकिंग क्षेत्र अर्थव्यवस्था का आईना होता है। विश्लेषकों का मानना है कि मार्च 2009 तिमाही में कर्ज की वृद्धि दर में कमी की मुख्य वजह वर्ष दर वर्ष आधार पर गैर-खाद्य कर्ज में 18.6 फीसदी की बढ़ोतरी है। कच्चे माल की कीमतों में कमी आने के चलते कंपनियों की कामकाजी पूंजी की जरूरत में भी कमी आई है। इसका असर कर्ज की वृद्धि दर पर पड़ा है। आने वाले समय में भी कर्ज की वृद्धि दर साधारण रहने का अनुमान है। जब तक आर्थिक गतिविधियों में तेजी नहीं आती कर्ज की वृद्धि दर सुस्त बनी रहेगी।
मार्च 2009 तिमाही में बैंकों ने पहले की तिमाहियों के मुकाबले सरकारी सिक्योरिटी में अधिक निवेश किए हैं। बैंकों ने सरकारी सिक्योरिटीज में एसएलआर से 4।5 फीसदी ज्यादा निवेश किए हैं। इसकी वजह यह है कि बैंकों ने एनपीए में वृद्धि होने के डर से सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश बढ़ाना मुनासिब समझा। हालांकि, सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न व्यावसायिक कर्ज की ब्याज दर के मुकाबले काफी कम है। सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश से बैंकों को करीब 6-7 फीसदी यील्ड मिलती है।
विश्लेषकों के मुताबिक सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश पर बैंकों को अधिक मार्क-टू-मार्केट नुकसान होने की आशंका नहीं है। इसकी वजह यह है कि बैंक व्यवस्थित तरीके से इस निवेश की परिपक्वता अवधि में कमी करने में कामयाब रहे हैं। एक साल के जीरो कूपन बॉन्ड की यील्ड में 31 मार्च 2009 को 2.26 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई । इसके मुकाबले 10 साल की अवधि वाले सरकारी बॉन्डों की यील्ड में 1.10 फीसदी का उछाल आया।
विश्लेषकों के मुताबिक एचडीएफसी बैंक के मुनाफे में 28.4 फीसदी बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यदि बैंक वास्तव में इतना मुनाफा हासिल करने में सफल रहता है तो यह उसकी काबिलियत होगी। उधर, पंजाब नेशनल बैंक के मुनाफे में 38.4 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई है। आईसीआईसीआई बैंक का मुनाफा पिछली तिमाही के समान रहने का अनुमान है।

5 comments:

  1. हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका सादर स्वागत है....

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  2. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  3. स्वागत है.....शुभकामनायें.

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  4. blogjagat mein swaagat hai. aarthik vishayon par jaankaaree kam hai kintu aapkee rochak lekhaanee se padhne mein maja aayegaa. likhte rahein.

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  5. Anek shubhkamnayon sahit awagat hai...
    shama

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