Friday, April 24, 2009

प्राइवेट इक्विटी निवेशक बनने के लिए काफी हैं पाँच लाख रूपये


अब प्राइवेट इक्विटी निवेशक बनने के लिए भारी नकदी की जरूरत नहीं रह गई है। 5 लाख रुपए की रकम रखने वाले छोटे निवेशक भी पीई समूह से जुड़कर सीमित साझेदार के फायदों का लुत्फ ले सकते हैं। बाजार में तेजी के दौर से पहले और बाद के चरण में औसत एंट्री स्तरों के आकलन से यह साबित हुआ कि प्राइवेट इक्विटी सौदों का टिकट साइज (निवेश का आकार) 80 फीसदी से ज्यादा गिरा है जिससे पीई फंड छोटे निवेशकों के लिए भी किफायती निवेश विकल्प बनकर उभरे हैं।
माइलस्टोर कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक राजेश सिंघल ने कहा, 'हम देख रहे हैं कि 10 लाख रुपए की एंट्री लिमिट पीई कंपनियों के बीच सामान्य होती जा रही है। कम स्तर पर बनने वाला एंट्री लेवल निवेशकों के ज्यादा बड़े आधार को अपील करता है।Ó उन्होंने बताया, 'ज्यादातर फंड के लिए शुरुआत में हमने अपना टिकट साइज 25 लाख रुपए के करीब रखा था लेकिन अधिकतर मामलों में इसे 10 लाख रुपए तक घटा दिया गया है और यहां तक कि कुछ खास स्थिति में यह 5 लाख रुपए पर आ गया है।Ó
फंड जुटाने की राह में आड़े आई मंदी नाटकीय रही लेकिन ऐसा नहीं था कि इसका कोई अंदाजा ही नहीं था। वेल्थ मैनेजर के मुताबिक निवेशकों की क्षमता में गिरावट आने के फलस्वरूप पीई कंपनियों को अपने निवेश ह्वïीकल को बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है। कई फंड मैनेजर कुछ पूंजी जुटाने के लिए अंतरिम क्लोजर रखना पसंद कर रहे हैं और उन्होंने लंबी अवधि में फंड जुटाने की कोशिशें जारी रखने के साथ सक्रिय रूप से निवेश करना भी शुरू कर दिया है। सोसिएते जनराली प्राइवेट बैंकिंग के कंट्री हेड निपुण मेहता ने कहा, 'निवेश के स्तरों में भी बदलाव आया है। फंड ने जहां टिकट साइज घटा दिया है, वहीं वे अपने निवेशकों से भी छोटी-छोटी मात्रा में ही रकम लगाने को कह रहे हैं। इससे छोटे निवेशकों के लिए आसानी और बढ़ गई है।Ó निवेशकों के बड़े आधार से 'छोटीÓ रकम स्वीकार करने की रणनीति 2008 में फंड के लिए खासी फायदेमंद साबित हुई थी। इस वक्त को पीई फंड जुटाने के लिए सबसे मुश्किल माना जाता है। आईएलएंडएफएस रियल एस्टेट फंड, सीआईजी, आईसीआईसीआई वेंचर, फ्रैंकलिन टेम्पलटन पीई फंड (डार्बी एडवाइजर्स के लिए) और टीवीएस श्रीराम कैपिटल जैसे कई रियल एस्टेट पीई फंड 10-20 लाख रुपए की रेंज वाले निचले एंट्री लेवल से फंड जुटाने में कामयाब रहे। इस चलन ने उन फंड के लिए हालात काफी सुधारे जो पैसा जुटाने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। वेल्थ मैनेजर के मुताबिक आईडीएफसी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, आदित्य बिड़ला गु्रप फंड और माइलस्टोन कैपिटल एडवाइजर्स फंड का टिकट साइज 5 से 20 लाख रुपए के बीच है। सेबी की ओर से तय किया गया न्यूनतम टिकट साइज 5 लाख रुपए है। यह उन दिनों से ठीक उलट हालात हैं जब पीई कंपनियां बाजार में तेजी के दौरान 10 करोड़ रुपए से कम रकम स्वीकार ही नहीं कर रही थीं। वेल्थ मैनेजर भी अपने ग्राहकों को प्राइवेट इक्विटी निवेश में पैसा लगाने की सलाह दे रहे हैं। दबाव निवेश की अवधि (आम तौर पर 5 से 8 साल) और यील्ड की शुरुआती अवधि (2-4 साल) में रहता है। निवेश पर सालाना रिटर्न करीब 25 फीसदी मिलता है। एएसके वेल्थ एडवाइजर्स में वेल्थ मैनेजमेंट सॉल्यूशंस के प्रमुख मनीष कुमार ने कहा, 'दिमाग में रखने वाली जो जरूरी बात है, वह लॉक-इन अवधि से जुड़ी है जो पीई फंड में सात साल या उससे भी ज्यादा होती है। शुरुआती वर्षों में निवेश की वैल्यू वास्तव में गिर भी सकती है क्योंकि फंड डिप्लॉयमेंट का इंतजार कर रहा होता है या शुरुआती दौर में फायदा न भी मिले लेकिन आगे चलने पर संभावित रिटर्न मिलने लगता है। उन्होंने कहा, 'कम शब्दों में कहें तो पीई फंड हर निवेशक के लिए नहीं है क्योंकि इसमें जोखिम काफी ज्यादा होता है और यह ज्यादा रिटर्न देने वाला उत्पाद है।

No comments:

Post a Comment