Saturday, April 11, 2009

सत्यम की धोखाधडी से सरकार ने लिया सबक

सूचीबद्ध कंपनियों के ऑडिट के लिए जरूरी होगा विशेष प्रमाणपत्र

इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने चार्टर्ड एकाउंटेंट सेवा देने वाली कंपनियों की नकेल कसने का फैसला किया है। आईसीएआई की विशेषज्ञ समिति से प्रमाणपत्र हासिल करने वाली सीए कंपनियों को ही घरेलू शेयर बाजार में सूचीबद्ध फर्मों का ऑडिट करने की अनुमति दी जाएगी। ऑडिट कंपनियों की नियामक संस्था आईसीएआई ने यह जानकारी दी है।
आईसीएआई पीयर रिव्यू बोर्ड के चेयरमैन के रघु ने कहा है कि सभी सूचीबद्ध कंपनियों के ऑडिटरों को ऑडिट की अपनी प्रक्रिया और कंप्लायंस सेट-अप के लिए पीयर रिव्यू प्रमाणपत्र हासिल करना होगा। आईसीएआई का यह फैसला 1 अप्रैल 2009 से लागू हो गया है। रघु ने बताया कि आईसीएआई सभी सीए फर्मों को पत्र भेजकर इसके बारे में जानकारी दे रही है। उन्होंने कहा कि जिन सीए फर्मों को पीयर रिव्यू प्रमाणपत्र हासिल नहीं होगा, उन्हें सूचीबद्ध कंपनियों का ऑडिट करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
इससे पहले शेयर बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों की ऑडिट प्रक्रिया को चुस्त दुरुस्त बनाने की दिशा में कदम उठाया था। हाल में सेबी ने कहा था कि उसके विशेषज्ञों की एक टीम सूचीबद्ध कंपनियों का ऑडिट करने वाली कंपनियों की ऑडिट प्रक्रिया की समीक्षा करेगी। इस तरह से सेबी ने बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में शामिल कंपनियों के ऑडिटरों की जांच करने का फैसला किया था। पीयर रिव्यू की शुरुआत आईसीएआई ने 2003 में की थी। इसके जरिए सरकारी और निजी बैंकों, विदेशी बैंकों और बीमा कंपनियों के ऑडिटरों को पीयर रिव्यू के तहत लाया गया था। पांच करोड़ रुपए की चुकता पूंजी और 50 करोड़ रुपए के सालाना कारोबार वाली कंपनियों का ऑडिट करने वाले फर्मों को पीयर रिव्यू के तहत लाया गया था। 2004-05 में पीयर रिव्यू का दायरा बढ़ाकर इसके तहत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), कोऑपरेटिव बैंकों और गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के ऑडिटरों को भी ला दिया गया था।

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