Thursday, February 25, 2010

एयर मिल्स का नया फंडा

लगातार हवाई यात्रा करने से कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन एयरलाइन कंपनियां फ्रीक्वेंट ट्रैवलर्स को अपने साथ जोड़े रखने के लिए एयर माइल्स के रूप में छूट भी देती हैं। आजकल विमान कंपनियां फ्रीक्वेंट फ्लायर प्रोग्राम (एफएफपी) की आक्रामक मार्केटिंग कर रही हैं। एयर माइल्स का मतलब यह है कि जो यात्री किसी एक एयरलाइंस से अधिक यात्रा करते हैं, उन्हें कंपनी तय दूरी तक मुफ्त यात्रा का ऑफर देती हैं। इससे एयरलाइन कंपनियों को जहां अपना कारोबार बढ़ाने का मौका मिलता है, वहीं उसकी ब्रांड इमेज भी बेहतर होती है।
हालांकि ज्यादातर यात्री एयर माइल्स का हिसाब नहीं रख पाते। कॉरपोरेट वल्र्ड में जहां एक व्यक्ति रोजाना कम से कम आठ घंटे काम करता है, महीने में दो बार हवाई यात्रा करता है और परिवार की बाकी जिम्मेदारियां भी पूरी करता है, उसके लिए एयर माइल्स का हिसाब रखना मुमकिन नहीं।
दुनिया में इस समय 70 विमान कंपनियां एयर माइल्स या एफएफपी प्रोग्राम चला रही हैं। इस बारे में लोगों में पर्याप्त जागरूकता नहीं होने की वजह से कम से कम आधे एयर माइल्स बेकार हो जाते हैं। उद्योग के एक जानकार का कहना है कि इस समय लाखों करोड़ एयर माइल्स जाया हो रहे हैं। इसकी एक वजह यह है कि ग्राहक को इस बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होती, दूसरी बात यह कि कंपनियां ग्राहक की पसंद और सुविधा के हिसाब से उसका लाभ देने में असफल साबित होती हैं।
एक बिजनेस कंसल्टेंसी फर्म के अधिकारी कहते हैं, 'एयर माइल्स भुनाने को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।Ó हवाई यात्रियों के लिए सबसे बेहतर रणनीति यही है कि वे एयर माइल्स को एक सिंगल एकाउंट में जमा करें और उसे भुनाने के बारे में समय से जानकारी हासिल कर फायदा उठाएं। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड कंपनियां भी एयर माइल्स देती हैं। इससे भी आपको हवाई टिकट पर छूट मिलती है।

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